मत करो मेरी पीठ के पीछे बात ..
अपने गुरूर को आजमाने की ..
दोस्ती नाम है सुख-दुःख की ..
मैं लिख दू आपकी उम्र चाँद ..
जख्म ही देना तो पूरा जिस्म ..
मुझे माफ़ कर मेरे या खुदा ..
मरीज-ए-मोहब्बत हूं, इक तेरा ..
तुम सुबह का चाँद बन जाओ, ..
हमारी तो चाल भी शेरो जैसी है तेरी शक्ल तो भेड़ो जैसी है तुम क्या हमारी ..
मतलब बङे भारी होते हैं निकलते ..