अब हम मकान में ताला लगाने ..
जिसको जो कहना है कहने दो, ..
आज से आने वाली घड़ियाँ करे ..
यूँ भी इक बार तो होता कि ..
विश्वास का यह बंधन यूं ही ..
बेहतर से बेहतर की तलाश करो, मिल जाए नदी तो समंदर की तलाश करो, टूट जाते ..
सदा दूर रहो गम की परछाइयों से, ..
“निर्मल” रहिए वरना ..
कुछ तो बात होगी चाँद में ..
हम #खराब_लोगों मे एक #खूबी ..