मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए।

taj mahal par shayari


अगर यादें दफ़न हो जाया करती तो,
ताजमहल इतना नायाब ना होता।


2 lines love shayari taj mahal

कोई तो बात है मोहब्बत मे वरना एक
लाश के लिए कोई ताजमहल तो नही बनाता॥


अगर तुम न होते तो गजल कौन कहता,
तुम्हारे चहेरे को कमल कौन कहता,
यह तो करिश्मा है मोहब्बत का
वरना पत्थर को ताजमहल कौन कहता।


मोहब्बत हर पल बढ़ रही
तुमसे “चक्रवृद्धि ब्याज” की तरह,
तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है
पहलू में मेरे आगरा के “ताज” की तरह.


बनाओ ताजमहल के बजाय ताश महल
तमाम उम्र मुहब्बत करो, गिराओ, बनाओ


अगर इतना ही आसान होता,
किसी की यादों को भुलाना तो,
मुमताज की याद में शाहजहां को,
ताजमहल नहीं बनवाना पड़ता,


taj mahal par shayari

मन को छु जाती है तेरी हर बात,
आँखों से पढ़ लेती हो दिल के जज्बात,
बाँध कलाई पर राखी हर लेती हो हर दुःख, रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई,

मोहब्बत को नसीब अगर तेरा साथ हो जाए
मेरा छोटा सा आशियाना भी ताजमहल हो जाए।


दिखाने के लिए तो हम भी बना सकते है ताजमहल,
मगर मुमताज़ को मरने दे हम वो शाहजहाँ नहीं।


जब इश्क का जादू चलता है
सेहरा में फूल खिल जाता है
जब कोई दिवाना मचलता है
तब ताजमहल बन जाता है.


एक कमी थी ताज-महल में
मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी
कैफ़ भोपाली


ताजमहल भी बनवा देंगे,
एक बार उनको हमसे
सच्चा प्यार तो हो जाने दो।


मोहब्बत हर पल बढ़ रही
तुमसे “चक्रवृद्धि ब्याज” की तरह,
तू संगमरमरी सी मुमताज बैठी है
पहलू में मेरे आगरा के “ताज” की तरह.


मै भी बना लूंगा महल तू मुमताज़ बनके तो दिखा


सिर्फ इशारों में होती मोहब्बत
तो इन अल्फाजों को खूबसूरती कौन देता,
बस इक पत्थर बनकर रह जाता ताजमहल
अगर इश्क़ इसे अपनी पहचान न देता।

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