मतलबी शायरी इन हिंदी
मतलब बङे भारी होते हैं निकलते ही रिश्तों का वज़न कम कर देते हैं..
मुस्कुरा कर देखने में और देख कर मुस्कुराने मे बाहुत फर्क है, मायनों के साथ रिशते बदल देता है
सबूतों की ज़रूरत पङ रही है यानी रिश्तों मे दूरी बढ़ रही है
खर्च कर दिया खुद को,
कुछ मतलबी लोगो पर,
जो हमेशा मेरे साथ थे,
सिर्फ मतलब के लिए।
विश्वास की डोर एक धोखे से तोड़ जाते है
मतलबी लोग की फितरत है की …..
वो अपनों को बीच रस्ते में छोड़ जाते है।
करीब रहो तो इतना कि रिश्तो में प्यार रहे,
दुर भी रहो इतना कि आने का इंतजार रहे,
रखो उम्मीद रिश्तो कि दरमिया इतनी,
कि टूट जाए उम्मीद पर रिश्ते बरक़रार रहे,
सब मतलब की यारी है,
यही दुनिया की सबसे बड़ी बीमारी है।
कुछ की फितरत मगर कुछ की मज़बूरी होती है
जिंदगी में धोखे की लत इतनी जरुरी होती है
माना आप सिर्फ अपने मतलब को जानते हो
मगर उस मतलब के लिए हमे क्यों अपना मानते हो।
जब रिश्ता नया होता हैं तो,
लोग बात करने का बहाना ढुढते हैं,
और जब उही रिश्ता पुराना हो जाता हैं,
तो लोग दुर होने का बहाना ढुढते हैं,
मतलबी दुनिया का किस्सा बड़ा पुराना हैं,
यह हर शख्स खूबसूरत चीजों के पीछे दीवाना है।
मतलबी लोगो की मीठी बातें ओह
ये तो सिर्फ एक दिखावा है।
चाहे आप भी उन्हें आजमालो
आपको भी धोखा मिलेगा ये मेरा दावा है।
कैसे करू भरोसा गैरो के प्यार पर,
अपने ही मजा लेते हैं अपने कि हार पर,
उनका मतलबी होना भी पसंद है हमें,
मतलब से ही सही याद तो करते हैं हमें।
जिसे हमने अपना खुदा माना वो ही
बड़ा मतलबी और खुदगर्ज निकला।
आज गुमनाम हूँ तो जरा फासला रख मुझसे,
कल फिर मसहूर हो जाऊ तो कोई रिश्ता निकाल लेना,
पहले तो बस सुना था,
तुमसे मिलकर जाना,
जाना..
दुनिया कितनी मतलबी है।
भरोसे की आड़ में उन्होंने मुझे बहुत सताया है
मतलबी लोगों की तरहा शायद
मतलब के लिए उन्होने मुझे अपना बनाया है।
दुनिया को देख कर अब हम भी मिज़ाज बदले गे ,
रिश्ता सब से होगा लेकिन वास्ता किसी से नहीं,
इश्क़ बेमतलब ही सही,
पर मतलबी लोगो से हुआ।
जिनको हमने इस दिल में बसा रखा था
उनका नाम तो मतलबी लोगो में आ रखा था।
कुछ यूँ हुआ कि जब भी जरुरत पड़ी,
हर शख्स इतेफाक से मजबूर हो गया,
दिलों में मतलब और जुबान से प्यार करते हैं,
बहुत से लोग दुनिया में यही कारोबार करते हैं।
विश्वास का गला घोट आज…….
में भी मतलबी बनके जी रहा हु
इस तुच्छ से स्वार्थ के लिए
मतलबी लोगो को अपना अपना कह रहा हूँ।
कोई कहता हैं दुनिया प्यार से चलती है,
कोई-कहता हैं दुनिया दोस्ती से चलती है,
लेकिन जब अजमाया तो पता,
दुनिया तो बस मतलब से चलती है,
दिल-ए-मासुम ऐतबार कर लेता है थोडा प्यार पा कर,
तोड देती है दिल मेरा दुनिया मतलब निकाल कर।
हम विश्वास को इंसानियत मनाते थे
पर वो मतलबी लोग
तो सिर्फ अपने मतलब को ही जानते थे।
सिखा दिया है दुनिया ने ये
अपनो पर भी शक करना,
वरना मेरी फ़ितरत में तो
गौरो पर भी भरोसा करना था,
मेरी दुनिया का हर शख्स मतलबी निकला,
घर एक आईना था बस वही वफादार निकला।
उम्र गुजरती गयी तेज रफ्तार की दर से
मतलबी लोगों की पहचान हुई
एक साहूकार की नज़र से
जो स्वार्थ के लिए सबको अपना मानते थे
पर मतलबी थे बस धोखा देना जानते थे।
मैं भी झूठा तू भी झूठा झूठी है दुनिया सारी,
झूठे है लोग सभी झूठे है नर नारी,
झूठ ही सब का दाता सबका झूठ ही पालन हार हैं,
ऐसा कलयुग आया देखो झूठ हुआ सच पर भारी है,
ऐसी मतलबी दोस्ती की जरूरत नहीं,
जो वक़्त और माहौल के साथ बदलती हो।
उन मतलबी लोगो की तरहा ना बन
जिनको अपने लिए सबको अपना अपना कहना पड़ता है।
बाते बिश्रृस और भरोसा की बेमानी सी लगती हैं,
झूठी दुनिया में वफादारी अनजानी से लगती हैं,
झूठे लोगों से भरी परी है कहाँनिया यहा किताबों में,
प्यार से बोल दे कोई तो मेहर बानी सी लगती हैं,
देखो सब को अपनी तलब लगी है,
भीड़ बहुत है लेकिन सब मतलबी है।
इस दुनिया से कहीं दूर चले जाने को जी चाहता है
मतलबी दुनिया में ना रह कर मर जाने को जी चाहता है
मुझको क्या हक मैं किसी को मतलबी कहूँ,
मैं खुद ही खुदा को मुसीबत में याद करता हूँ,
कैसे कह दूँ इश्क मतलबी है उसका,
उसे मुझसे कोई फायदा भी तो नहीं है।