Tabiyat Kharab Shayari
हाल ना पूछो हमारा हाल बहुत बेहाल है
तबीयत खराब है और बीत चला साल है।।
tabiyat kharab hai shayari
हमें इश्क़ की ऐसी बीमारी हुई है
तेरे बाद ना कोई और हमारी हुई है।।
वो हमारी ज़िंदगी से जैसे जैसे दूर जाने लगी
हमारी तबीयत वैसे वैसे खराब होती चली गयी
श्राप मिला है इसलिए दवा काम नहीं करती
दिन-ब-दिन हमारी तबीयत खराब और होते चली है
कभो मै भी बेहद खुश था कोई बीमारी ना था ,
तबीयत भी ठीक थी और कोई मसला भी नहीं था ,,
ये उन दिनों की बात है जब मुझे इश्क़ ना हुआ था
हमें ऐसी मोहब्बत की ऐसी बीमारी लग है
एक तुम्हारे बाद और कोई अच्छा ही नहीं लगता
gf ki tabiyat kharab hai shayari
तुम्हारी तबियत की खबर जान,
मैं अचानक रूक सा गया,
सांसो के जैसे हो तुम मेरे लिए,
इसलिए तुम्हारे बिन मैं थम सा गया,
तुम जल्दी ठीक हो जाओ।
बुरी बलाओं से ईश्चर आपको रखे दूर,
फिर से स्वस्थ होकर मुस्कुराएं आप,
बस यही कामना है मेरी ईश्वर से,
जल्दी से ठीक होकर घर आ जाएं आप।
हाल ना पूछो हमारा हाल बहुत बेहाल है
तबीयत खराब है और बीत चला साल है।।
वो हमारी ज़िंदगी से जैसे जैसे दूर जाने लगी
हमारी तबीयत वैसे वैसे खराब होती चली गयी
इश्क़ में डूबा कर उन्हेंने अपने हमें बेकार कर दिया
उनके छोड़ कर जाने के गम ने हमें बीमार कर दिया
friend ki tabiyat kharab hai shayari
ईश्वर से मांगते हैं बस एक दुआ,
दोबारा से खुशियां चुमे आपके कदम,
सेहतमंद हो जल्दी से आप,
होठों पर हो दिलों जान से मुस्कान।
गेट वेल सून!
तुम्हारी तबियत की खबर जान,
मैं अचानक रूक सा गया,
सांसो के जैसे हो तुम मेरे लिए,
इसलिए तुम्हारे बिन मैं थम सा गया,
तुम जल्दी ठीक हो जाओ।
मेरी तबियत
ख़राब है तो क्या हुआ,
मुझे ठीक होने के लिए
दवा की नहीं
तेरे दीदार की जरुरत है !!
अब तो अपनी तबियत भी जुदा लगती है,
साँस लेता हूँ तो ज़ख्मों को हवा लगती है,
कभी राजी तो कभी मुझसे खफा लगती है,
ज़िन्दगी तू ही बता तू मेरी क्या लगती है।
tabiyat kharab par shayari
कल न हम होंगे न कोई गिला होगा,
सिर्फ सिमटी हुयी यादों का सिलसिला होगा,
जो लम्हे है चलो हँसकर बिता दें,
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।
खुशी में भी आँखें आँसू बहाती रही,
जरा सी बात देर तक रुलाती रही,
कोई खो के मिल गया तो कोई मिल के खो गया,
ज़िंदगी हम को बस ऐसे ही आज़माती रही।
अफवाह थी कि मेरी तबीयत खराब है
लोगो ने पूछ-पूछ कर बीमार कर दिया
काश कभी तो मेरी कोई दुआ
कबूल होने के काबिल हो
चूम कर मेरे माथे को बो हर वक्त दुआ देती थी
वो मेरी माँ ही थी जो ममता अपनी मेरे पे लुटा देती थीं….!
बीमार बीवी की शायरी… .
तबीयत खराब थी,
ना कोई दवा काम आयी,
ना कोई ताबीज काम आया…! .
फोन कर के पति से लड़ी,
फिर जाकर थोड़ा आराम आया…!!!