Rahat Indori Shayari In Hindi
Hindi Shayari

Rahat Indori Shayari In Hindi

Sep 14, 2023

पेश है हिंदी में राहत इंदौरी शायरी की मंत्रमुग्ध करने वाली दुनिया। भावनाओं की गहराई, शब्दों की खूबसूरती और गहरे भावों की ताकत में डूबने के लिए तैयार हो जाएँ। अपने आप को एक आकर्षक यात्रा के लिए तैयार करें जहां हर कविता आपको मोहित कर देगी और अधिक के लिए तरस जाएगी। चाहे आप कविता के शौकीन हों या कोई ऐसा व्यक्ति जो शब्दों के जादू की सराहना करता हो, हिंदी में राहत इंदौरी शायरी का यह संग्रह आपके दिल को छूने और आपकी आत्मा को प्रज्वलित करने के लिए बाध्य है। क्या आप इस काव्य रोमांच को शुरू करने के लिए तैयार हैं? आइए गोता लगाएँ।

250+ Rahat Indori Shayri

अब हम मकान में ताला लगाने वाले हैं,
पता चला हैं की मेहमान आने वाले हैं।

Rahat Indori Shayari In Hindi

मैं आख़िर कौन सा मौसम तुम्हारे नाम कर देता,
यहाँ हर एक मौसम को गुज़र जाने की जल्दी थ।

rahat indori shayari in hindi

घर के बाहर ढूँढता रहता हूँ दुनिया,
घर के अंदर दुनिया-दारी रहती है।

rahat indori shayari in hindi
Best Famous Shayari of Dr. Rahat Indori

सूरज, सितारे, चाँद मेरे साथ में रहें,
जब तक तुम्हारे हाथ मेरे हाथ में रहें।

rahat indori shayari in hindi

जागने की भी, जगाने की भी, आदत हो जाए,
काश तुझको किसी शायर से मोहब्बत हो जाए।

rahat indori shayari in hindi
Rahat Indori shayari in hindi

इन रातों से अपना रिश्ता जाने कैसा रिश्ता है,
नींदें कमरों में जागी हैं ख़्वाब छतों पर बिखरे हैं।

rahat indori shayari in hindi

मोड़ होता है जवानी का सँभलने के लिए,
और सब लोग यहीं आ के फिसलते क्यूं हैं।

rahat indori shayari in hindi

जुबां तो खोल, नजर तो मिला, जवाब तो दे,
मैं कितनी बार लुटा हूँ, हिसाब तो दे।

rahat indori shayari in hindi

फूलों की दुकाने खोलो , खुसबू का व्यापार करो,
इश्क़ खता है तो, इसे एक बार नहीं सौ बार कर।

फूक़ डालूगा मैं किसी रोज़ दिल की दुनिया,
ये तेरा ख़त तो नहीं है की जला भी न सकूं।

rahat indori shayari in hindi

शाखों से टूट जाए वो पत्ते नहीं है,
आँधी से कोई कह दे आँधी से के औकात में रहे।

लोग हर मोड़ पे रूक रूक के संभलते क्यूँ है,
इतना डरते है तो घर से निकलते क्यूँ है।

rahat indori shayari in hindi

हम से पहले भी मुसाफ़िर कई गुज़रे होंगे,
कम से कम राह के पत्थर तो हटाते जाते।

Rahat Indori Shayari In Hindi

ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे,
नींद रक्खो या न रक्खो ख़्वाब मेयारी रखो।

रोज़ तारों को नुमाइश में ख़लल पड़ता है,
चाँद पागल है अँधेरे में निकल पड़ता है।

Rahat Indori sad shayari

आते जाते हैं कई रंग मेरे चेहरे पर,
लोग लेते हैं मजा ज़िक्र तुम्हारा कर के।

मेरे बेटे किसी से इश्क़ कर,
मगर हद से गुजर जाने का नईं।

बुलाती है मगर जाने का नईं,
ये दुनिया है इधर जाने का नईं।

rahat indori shayari in hindi

दोस्ती जब किसी से की जाये,
दुश्मनों की भी राय ली जाये।

rahat indori shayari in hindi

नींद से मेरा ताल्लुक़ ही नहीं बरसों से,
ख़्वाब आ आ के मेरी छत पे टहलते क्यूं हैं।

बन के इक हादसा बाज़ार में आ जाएगा,
जो नहीं होगा वो अखबार में आ जाएगा।

जा के कोई कह दे, शोलों से चिंगारी से,
फूल इस बार खिले हैं बड़ी तैयारी से।

अजीब लोग हैं मेरी तलाश में मुझको,
वहां पर ढूंढ रहे हैं जहां नहीं हूं मैं।

rahat indori shayari in hindi

सूरज से जंग जीतने निकले थे बेवकूफ,
सारे सिपाही मोम के थे घुल के आ गए।

जिंदगी है एक सफर और जिंदगी की राह में,
ज़िन्दगी भी आये तो ठोकर लगानी चाहिए।

Rahat Indori best shayari

सिर्फ खंजर ही नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी मुझको खानदानी चाहिए।

राज़ जो कुछ हो इशारों में बता भी देना,
हाथ जब उससे मिलाना तो दबा भी देना।

ऐसी सर्दी है कि सूरज भी दुहाई मांगे,
जो हो परदेस में वो किससे रज़ाई मांगे।

आग के पास कभी मोम को लाकर देखूं,
हो इज़ाज़त तो तुझे हाथ लगाकर देखूं।

rahat indori shayari in hindi

भूलना भी हैं, जरुरी याद रखने के लिए,
पास रहना है, तो थोडा दूर होना चाहिए।

फैसला जो कुछ भी हो, हमें मंजूर होना चाहिए,
जंग हो या इश्क हो, भरपूर होना चाहिए।

न हम-सफ़र न किसी हम-नशीं से निकलेगा,
हमारे पाँव का काँटा हमीं से निकलेगा।

ज़रूरी काम है लेकिन रोज़ाना भूल जाता हूँ,
मुझे तुम से मोहब्बत है बताना भूल जाता हूँ।

मेरे अधूरे शेर में थी कुछ कमी मगर,
तुम मुस्कुरा दिए तो मुझे दाद मिल गयी।

ये कैंचियाँ हमें उड़ने से ख़ाक रोकेंगी,
के हम परों से नहीं हौसलों से उड़ते हैं।

Rahat Indori Love Shayari

सब प्यासे हैं सबका अपना ज़रिया है, बढ़िया है,
हर कुल्हड़ में छोटा-मोटा दरिया है, बढ़िया है।

सलिक़ा जिनको सिखाया था हमने चलने का,
वो लोग आज हमें दायें-बायें करने लगे।

जो तौर है दुनिया का उसी तौर से बोलो,
बहरों का इलाक़ा है ज़रा ज़ोर से बोलो।

rahat indori shayari in hindi

इसे तूफां ही किनारे से लगा देते हैं,
मेरी कश्ती किसी पतवार की मोहताज नहीं।

शहरों में बारूदों का मौसम है,
गांव चलो ये अमरूदों का मौसम है।

Dr. Rahat Indori shayari
राहत इंदौरी की मशहूर शायरी

अंदर का ज़हर चूम लिया धुल के आ गए,
कितने शरीफ़ लोग थे सब खुल के आ गए।

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

एक चिंगारी नज़र आई थी बस्ती में उसे,
वो अलग हट गया आँधी को इशारा कर के।

गम सलामत हैं तो पीते ही रहेंगे लेकिन,
पहले मयखाने की हालात तो संभाली जाए।

नींदो से जंग होती रहेगी तमाम उम्र,
आँखों में बंद ख्वाब अगर खुल के आ गए।

Shayari By Rahat Indori

इन्तेज़ामात नए सिरे से संभाले जाएँ,
जितने कमजर्फ हैं महफ़िल से निकाले जाएँ।
सितारों की फसलें उगा ना सका कोई,
मेरी ज़मीं पे कितने ही आसमान रहे।

वो एक सवाल है फिर उसका सामना होगा,
दुआ करो की सलामत मेरी ज़बान रहे।

ये क्या उठाये कदम और आ गयी मंजिल,
मज़ा तो तब है के पैरों में कुछ थकान रहे।

इस बार एक और भी दीवार गिर गयी,
बारिश ने मेरे घर को हवादार कर दिया।

Rahat Indori Shayari In Hindi

आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो
ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो
राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें
रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
आते जाते पल ये कहते हैं हमारे कान में
कूच का ऐलान होने को है तय्यारी रखो
ये ज़रूरी है कि आँखों का भरम क़ाएम रहे
नींद रखो या न रखो ख़्वाब मेयारी रखो
ये हवाएँ उड़ न जाएँ ले के काग़ज़ का बदन
दोस्तो मुझ पर कोई पत्थर ज़रा भारी रखो
ले तो आए शाइरी बाज़ार में ‘राहत’ मियाँ
क्या ज़रूरी है कि लहजे को भी बाज़ारी रखो

Rahat Indori Best Shayari

कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे
जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे
मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का
इरादा मैं ने किया था कि छोड़ दूँगा उसे
बदन चुरा के वो चलता है मुझ से शीशा-बदन
उसे ये डर है कि मैं तोड़ फोड़ दूँगा उसे
पसीने बाँटता फिरता है हर तरफ़ सूरज
कभी जो हाथ लगा तो निचोड़ दूँगा उसे
मज़ा चखा के ही माना हूँ मैं भी दुनिया को
समझ रही थी कि ऐसे ही छोड़ दूँगा उसे

Rahat Indori Ki Shayari

मैंने अपनी खुश्क आँखों से लहू छलका दिया,
इक समंदर कह रहा था मुझको पानी चाहिए।

बहुत ग़ुरूर है दरिया को अपने होने पर
जो मेरी प्यास से उलझे तो धज्जियाँ उड़ जाएँ

नए किरदार आते जा रहे हैं
मगर नाटक पुराना चल रहा है

 

Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Shayari In Hindi, Motivational Rahat Indori Shayari, Rahat Indori Best Shayari, Shayari Rahat Indori, Rahat Indori Ki Shayari, Dr Rahat Indori Shayari, राहत इंदौरी शायरी, राहत इंदौरी शायरी इन हिंदी, मोटिवेशनल राहत इंदौरी शायरी, राहत इंदौरी बेस्ट शायरी, शायरी राहत इंदौरी, राहत इंदौरी की शायरी, डॉ राहत इंदौरी शायरी

(Visited 408 times, 1 visits today)
Previous Post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *