उम्र गुज़रेगी इम्तिहान में क्या
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम
कितने ऐश से रहते होंगे कितने इतराते होंगे
बे-क़रारी सी बे-क़रारी है
हालत-ए-हाल के सबब हालत-ए-हाल ही गई


एक हुनर हैं जो कर गया हुँ मैं,
सबके दिल से उतर गया हुँ मैं,
क्या बताऊँ की मर नहीं पाता,
जीते जी जब से मर गया हुँ मैं।
Ek hunar hai jo kar gaya hu main,
sabke dil se utar gaya hu main,
kya batau ki mar nahi pata,
jeete ji jab se mar gaya hu main.


कौन से शौक़ किस हवस का नहीं,
दिल मेरी जान तेरे बस का नहीं।
kaun se shauk kis hawas ka nahi,
dil meri jaan tere bas ka nahi.


काम की बात मैंने की ही नहीं,
ये मेरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं।
Kaam ki baat maine ki hi nahi,
ye mera taur ye zindagi hi nahi.


शायद मुझे किसी से मोहब्बत नहीं हुई
लेकिन यक़ीन सब को दिलाता रहा हूँ मैं।


ग़म-ए-फ़ुर्क़त का शिकवा करने वाली
मेरी मौजूदगी में सो रही है


उस के होंटों पे रख के होंट अपने
बात ही हम तमाम कर रहे हैं


ये मत भूलो कि ये लम्हात हम को
बिछड़ने के लिए मिलवा रहे हैं


मुद्दतों बाद इक शख़्स से मिलने के लिए
आइना देखा गया, बाल सँवारे गए


पड़ी रहने दो इंसानों की लाशें
ज़मीं का बोझ हल्का क्यूँ करें हम


un jo takta hai aasmaan ko tu,
Koi rehta hai aasmaan mein kya
Yeh mujhe chain kyun nahin padta,
Ek hi shakhs tha jahaan mein kya.
यूँ जो ताकता है आसमान को तू,
कोई रहता है आसमान में क्या?
यह मुझे चैन क्यों नहीं पड़ता,
एक ही शख्स था जहां में क्या?।


Aakhiri baar aah kar li hai,
Maine khud se nibaah kar li hai,
Apne sar ik balaa toh leni thi,
Maine woh zulf apne sar li hai.
आखिरी बार आह कर ली है,
मैंने खुद से निबाह कर ली है,
अपने सर इक बाला तो लेनी थी,
मैंने वो ज़ुल्फ़ अपने सर ली हैं।


और तो क्या था बेचने के लिए
अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं
aur to kya tha Bechne ke liye,
apni Aankhon Ke Khwab Baiche Hain.


उस गली ने ये सुन के सब्र किया
जाने वाले यहां के थे ही नहीं
use Gali Ne ye sun ke Sabra Kiya,
Jane Wale Yahan Ke the hi Nahin.

(Visited 166 times, 1 visits today)

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *