Akelepan Zindagi Dard Bhari Shayari
ख़्वाब की तरह बिखर जाने को जी चाहता है,
ऐसी तन्हाई में मर जाने को जी चाहता है।
Khwaab ki tarah bikhar jaane ko ji chahta hai,
aisi tanhai mein mar jaane ko ji chahta hai.
हमारे इस अकेलेपन ने हमें जीना सीखा दिया,
बची हुई हँसीं को तो हमनें पहले ही भुला दिया।
Hamare is akelepan ne hume jeena sikha diya,
bachi hui hansi ko to humne pahle hi bhula diya.
क्या बेचकर खरीदें तुझे ऐ-मोहब्बत,
सब कुछ तो बिक चुका है बेवफा के बाजार में.
अकेलेपन में जब भी कुछ अच्छा होता है,
तो लगता है कि अकेलापन के दर्द का कुछ असर खत्म होता है.
यूँ ही बेवजह न मुझे वो खोजता होगा,
शायद उसे भी ये अकेलापन नोचता होगा.
इस दुनिया में हर किसी की अपनी अपनी कहानी है,
जिंदगी में दर्द मिलने किसी अपने की मेहरबानी है.
ख्वाब बोया है मैंने और अकेला-पन काटा है
इस प्यार – मोहब्बत में यारो घाटा ही घाटा है।।
अकेलापन क्या होता है
यह कोई ताजमहल से पूंछे
देखने के लिए पूरी दुनिया आती हैं
मगर रहता कोई नहीं है !!
मिलता भी नहीं तुम्हारे जैसे इस शहर में,
हमको क्या मालूम था के तुम भी किसी और के हो !
कौन कहता है नफरतों मैं दर्द होता है,
कुछ मोहब्बत बड़ी कमाल की होती है !!
हमें नही आता अपने दर्द का दिखावा करना,
बस अकेले रोते हैं और सो जाते हैं !!
अकेलापन के दरिया में डूब जाने का एहसास होता है,
जैसे ज़िन्दगी का कोई विकल्प नहीं होता है।
बड़े शौक से छोड़ा था
उसने मुझे अपने हाल पर
मगर इन आंखों में शायद
अब भी तेरा इंतजार बाकी है.!!
यह अकेलापन का
सफर भी कट जाएगा
जिस दिन गम का
बादल हट जाएगा..!