दीदार पर ख़ूबसूरत शेर दीदार पर बेहतरीन शेर का संकलन
मरीज-ए-मोहब्बत हूं, इक तेरा दीदार काफी है, हर एक दवा से बेहतर, निगाहे-ए-यार काफी है।।
प्यार का मारा हूँ, एक तेरा #दीदार काफी है,
हर एक दवा से बेहतर, नजर-ए-यार काफी है।
कर्ज़दार रहेंगे हम उस हकीम के,
जिसने दवा में उनका दीदार लिख दिया।
दीदार की तलब हो तो नजरें जमाये रखना,
क्योंकि ‘नकाब’ हो या ‘नसीब’ सरकता जरूर है।
कोई मुक़दमा ही कर दो हमारे सनम पर,
कम से कम हर पेशी पर दीदार तो हो जायेगा।
तेरे इंतजार में कब से उदास बैठे हैं, तेरे दीदार में आँखे बिछाये बैठे हैं,
तू एक नज़र हम को देख ले बस, इस आस में कब से बेकरार बैठे हैं।।
‘दर्द’ के मिलने से ऐ यार बुरा क्यूँ माना, उस को कुछ और सिवा दीद के मंज़ूर न था. – ख़्वाजा मीर ‘दर्द’।।
दीदार तुम्हारे हसीं चेहरे का हम हर-पल करने लगे है, इजहार ए मुहब्बत करने से अब कितना डरने लगे हैं।।
कर सितम जितने भी मगर,
इस दिल में धड़कन तेरे नाम की होगी…
अधूरी ख्वाहिश तो बहुत सी है मगर,
आखिरी ख्वाहिश तेरे दीदार की होगी…
उनके दीदार की इफ़्तारी करा दे ऐ ख़ुदा,
एक ज़माने से आँखें मेरी रोज़े में हैं…
तुझसे मोहब्बत का इजहार करने के लिए तड़पू.. दीदार के लिए सनम तेरे, मैं दिन-रात तरसू..