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Hindi Shayari, Shayari Sep 01, 2022

जिस्म पर खरोच दे दोगे तो चलेगा
मगर आत्मसम्मान पर खरोच बिल्कुल भी बर्दाश्त नही करूंगा
अभी तो बदला लेना बाकी है
हाँ अकेले है और अकेले ही काफी है
मेरा आने वाला वक़्त तुम्हारे
हर सवाल का जवाब देगा
अकेले है कोई गम नही
जहाँ इज्जत नही वहाँ हम नही
मेरे बारे में अपनी सोच को थोड़ा बदल के देख,
मुझसे भी बुरे हैं लोग तू घर से निकल के देख..
कमाओ.. कमाते रहो और तब तक
#कमाते_रहो, जब तक ☝ हर महंगी चीज़ सस्ती ना #लगने लगे.।।
थोडा सा गरूर भी जरूरी है जीने के लिए,
ज्यादा झुक के मिलो तो दुनिया पीठ को पायदान बना देती है.।।
इसी बात से लगा लेना मेरी शोहरत का अन्दाजा
वो मुझे सलाम करते है, जिन्हे तु सलाम करता हैं.।।
जो आपकी जिंदगी में कील बनकर बार-बार चुभे,
उसे एक बार हथौड़ी बनकर ठोक दो.।।
अपने #अंदाज़ में जियो,
#दुसरो को नज़र #अंदाज़ करके.।।
ना मैं गिरा और ना मेरी उम्मीदों की मीनारें गिरी,
|पर मुझे गिराने में कई लोग बार-बार गिरे.।।
#आजकल ☝ ज़माने के साथ #चलना_है तो,
#आपको चेहरे बदलने का हुनर ज़रूर #आना_चाहिए ।
दुश्मन इतनी आसानी से नहीं बनते
बहुत लोगों का भला करना पड़ता है