Tehzeeb Hafi Shayari
Tehzeeb Hafi Shayari In Hindi
तुम्हें हुस्न पर दस्तरस है, मोहब्बत वोहब्बत बड़ा जानते हो
तो फिर ये बताओ कि तुम उसकी आंखों के बारे में क्या जानते हो?
अब उस जानिब से इस कसरत से तोहफ़े आ रहे हैं
कि घर में हम नई अलमारियाँ बनवा रहे हैं
मुझे आज़ाद कर दो एक दिन सब सच बता कर
तुम्हारे और उसके दरमियाँ क्या चल रहा है
Tehzeeb Hafi Shayari Hindi
अब इन जले हुए जिस्मों पे ख़ुद ही साया करो
तुम्हें कहा था बता कर क़रीब आया करो
Shayari Tehzeeb Hafi
मैं उसके बाद महिनों उदास रहता हूँ
मज़ाक में भी मुझे हाथ मत लगाया करो
ये ज्योग्राफियाँ, फ़लसफ़ा, साइकोलोजी, साइंस, रियाज़ी वगैरह
ये सब जानना भी अहम है मगर उसके घर का पता जानते हो?
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