1000+ Tareef Shayari
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Main Tumhari Saadgi Ki Kya Misaal Dun,
Iss Saare Jahaan Mein Be-Misaal Ho Tum.
मैं तुम्हारी सादगी की क्या मिसाल दूँ
इस सारे जहां में बे-मिसाल हो तुम।
Hain Honthh Uske Kitaabon Mein Likhi Tehreeron Jaise
Ungali Rakho Toh Aage Parhne Ko Jee Chahta Hai.
हैं होंठ उसके किताबों में लिखी तहरीरों जैसे,
ऊँगली रखो तो आगे पढ़ने को जी करता है।
Ye Aayine Kya De Sakenge Tumhein
Tumhari Shakhsiyat Ki Khabar,
Kabhi Humari Aankhon Se Aakar Puchho
Kitne LaJawab Ho Tum.
ये आईने क्या दे सकेंगे तुम्हें
तुम्हारी शख्सियत की खबर,
कभी हमारी आँखो से आकर पूछो
कितने लाजवाब हो तुम।
तू अपनी निगाहों से न देख खुद को,
चमकता हीरा भी तुझे पत्थर लगेगा,
सब कहते होंगे चाँद का टुकड़ा है तू,
मेरी नजर से चाँद तेरा टुकड़ा लगेगा।
मत मुस्कुराओ इतना,
कि फूलों को खबर लग जाए,
कि करे वो तुम्हारी तारीफ
और तुम्हें नजर लग जाएँ।
अभी इस तरफ़ न निगाह कर,
मैं ग़ज़ल की पलकें सँवार लूँ,
मेरा लफ़्ज़-लफ़्ज़ हो आईना,
तुझे आईने में उतार लूँ।
फूलों से खूबसूरत कोई नहीं,
सागर से गहरा कोई नहीं,
अब आपकी क्या तारीफ करू
खूबसूरती में आप जैसा जैसा कोई नहीं।
जरा संभल कर रहना यारों,
तारीफों के पुल के नीचे,
मतलब का दरिया बहता है,
जरूरत पड़ने पर खुदा भी सलाम कहता है।
अब क्या लिखूं तेरी तारीफ में मेरे हमदम,
अलफ़ाज़ कम पड़ जाते है तेरी मासूमियत देखकर।
ab kya likhoon teree taareeph mein mere hamadam,
alafaaz kam pad jaate hai teree maasoomiyat dekhakar.
तुम्हारे गालों पर एक तिल का पहरा भी जरूरी है,
डर है की इस चहरे को किसी की नज़र न लग जाए।
tumhaare gaalon par ek til ka pahara bhee jarooree hai,
dar hai kee is chahare ko kisee kee nazar na lag jaye.
हाय ये नज़ाकत ये शोखियाँ ये तकल्लुफ़, ये हुस्न,
कहीं तू मेरी शायरी का कोई हसीन लफ्ज़ तो नहीं।
haay ye nazaakat ye shokhiyaan ye takalluf, ye husn,
kaheen too meree shaayaree ka koee haseen laphz to nahin.
वो मुझसे रोज़ कहती थी मुझे तुम चाँद ला कर दो,
आज उन्हें एक आईना देकर अकेला छोड़ आया हूँ।
vo mujhase roz kahatee thee mujhe tum chaand la kar do,
aaj unhen ek aaeena dekar akela chhod aaya hoon.
हम भी दरिया हैं, हमें अपना हुनर मालूम है; जिस तरफ़ भी चल पड़ेगे, रास्ता हो जाएगा
Mahi Sharma: खुश होना है तो तारीफ सुनिए और बेहतर होना है तो निंदा
वो तारीफे करते रहते है
हम शायरी करते रहते है
वो कुछ कहते नही ओर
हम इंतज़ार करते रहते है !
Vah Tarife Karte Rahte Hain
Ham shayari Karte rahte hain
vah Kuchh Kahate Nahin aur
ham Intezaar Karte rahte hain
आसमा मे खलबली है सब यही पूछ रहे हैं
कौन फिरता है ज़मी पे चाँद सा चेहरा लिए !
अपना इक-इक वादा इस तरह निभाना है
तुम को मेरे आँगन मे चाँद बन के आना है !
तेरे हुस्न पर तारीफ भरी किताब लिख देता
काश के तेरी वफ़ा तेरे हुस्न के बराबर होती !