तेरे क्या हुए सब से जुदा हो गए,
सूफी हो गए हम तुम खुदा हो गए।

ख़ुदाया आज़ाद करदे, मुझे ख़ुद अपना ही दीदार दे दे,
मदीना हक़ में करदे, सूफ़ियों वाला क़िरदार दे दे।

sufi shayari in hindi

इल्मे सफीना को आज तुम इल्मे सीना में तब्दील कीजिए,
सूफियाना अंदाज में खुद को सूफी काव्य से रूबरू कीजिए।

भगवा भी है रंग उसका सूफी भी,
इश्क की होती है ऐसी खूबी ही।

उनकी वज़ाहत क्या लिखूँ, जो भी है बे-मिसाल है वो,
एक सूफ़ी का तसव्वुर, एक आशिक़ का ख़्याल है वो।

ख़ुदा ऐसे एहसास का नाम है, रहे सामने और दिखाई न दे

sufi shayari on god in hindi

इल्मे सफीना को आज तुम
इल्मे सीना में तब्दील कीजिए,
सूफियाना अंदाज में खुद को
सूफी काव्य से रूबरू कीजिए…

अगर तुम्हें अपने धर्म का जरा सा इल्म होता,
तो किसी बेगुनाह पर तुम्हारा जुल्म ना होता।

जब किसी के अंदर का खुदा मर जाता है,
तो वह जिंदगी में हर गुनाह कर जाता है.

Jab Kisi Ke Andar Ka Khuda Mar Jata Hai,
To Wah Jindagi Me Har Gunah Kar Jata Hai.

बड़ी फुर्सत और खूबसूरती से
खुदा ने इंसान को बनाया
खुदा भी हैरान हुआ यह देखकर,
कि इंसान ने खुद को क्या बनाया?

sufi hindi shayari

इलाही कुछ फेर बदल कर डस्टर में
हम सवाली बनायेंगे और वो ख़ैरात बने.

कतरे कतरे पर खुदा की निगाहे करम है..
न तुम पर ज्यादा न हम पर कम है

अपनी #छवी बनाय के जो मैं पी के #पास गई
जब छवी देखी #पीहू की तो अपनी भूल गई

तेरे क्या हुए सब से जुदा हो गए,
सूफी हो गए हम तुम खुदा हो गए।

shayari sufi

ऐसी बदसूरत समझ है मैंने पाई,
खुदा की खुदाई नहीं समझ पाई.

Aesi Badsoorat Samajh Hai Maine Paai,
Khuda Ki Khudai Nahi Samajh Paai.

जब से तूने मुझे दीवाना बना रखा है
संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रखा है
– नसीर हाक़िम

Jab Se toone Mujhe Deewana Bana Rakha Hai,
Sang Har Shakhs Ne Hathon Me Utha Rakha Hai.

अब खुशी देकर आजमा ले खुदा
इन गमो से तो में मरा नही ।।

Ab khushi dekar aajma le khuda,
In gamo se to me mara nahi…

सुनो! एक तो मैं ‘सूफ़ी सा बन्दा’
और उस पर तुम एक ‘मासूम सी परी’…
उफ्फ्फफ ! कमबख्त ‘इश्क’ तो होना ही था हो गया

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