Shak Shayari
Shak Shayari : शक शायरी जटिल भावनाओं और विचारों को व्यक्त करने में शब्दों की शक्ति का प्रदर्शन करती है। यह पाठकों को मोहित करता है और भावनाओं की एक श्रृंखला को जन्म देता है। शायरी मानव मानस में गहराई से घूमती है, प्यार, दिल की धड़कन, लालसा और आत्म – प्रतिबिंब के विषयों की खोज करती है। यह आत्म – अभिव्यक्ति के लिए एक माध्यम के रूप में कार्य करता है और उन लोगों को सांत्वना प्रदान करता है जो छंदों में व्यक्त भावनाओं के साथ प्रतिध्वनित होते हैं। शक शायरी उर्दू भाषा की सुंदरता और गहराई का प्रमाण है, और इसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है क्योंकि अधिक लोग इसके पीछे की कलात्मकता की सराहना करते हैं।
लाख समझाया उसको की दुनिया शक करती है,
मगर उसकी आदत नहीं गयी मुस्कुरा कर गुजरने की।
उस पति के प्यार पे,
कभी शक मत करना,
जो अपने बूढ़ी मां का ख्याल,
आपसे ज्यादा करता है।
धड़कनें अहसास कराती हैं जनाब कि जिन्दा हैं हम,
वरना शक़ होता है कभी-कभी अपने वजूद पर।
किस गम में हो, किस गम ने मारा है,
सब पर करते हो शक, किसको कहोगे हमारा है।
मोहब्बत करना दिल से शक को निकालकर,
रूठने मत देना उनको अपने दिल में बसाकर।
प्यार ज्यादा हो तो शक अपने आप होने लगता है,
महबूब शक करें तो कभी इसे प्यार की तौहीन मत समझना।
अपनों पर शक का कोई इलाज नहीं,
और गैरों पर अपने हक़
का कोई हिसाब नहीं।
शक पर ही मुझे आज भी शक है,
इसलिए उस पर मेरा पूरा हक़ है.