50+ Sad Shayari in hindi सैड शायरी इन हिंदी
जब दर्द की बारिश होती है,
तो हमेशा ही छाता खुशियों का टूट जाता है।
बेवफाई का सफर, रुठे यारों का संघर्ष,
दिल टूटा है इश्क़ के गहरे आबादों में।
Sad Shayri Hindi
लोग पूछते हैं क्यों सुर्ख हैं तुम्हारी आँखे
हंस के कह देता हूँ रात सो ना सका
लाख चाहूं मगर ये कह ना सकूँ
रात रोने की हसरत थी रो ना सका
एक ये ख्वाहिश के कोई ज़ख्म न देखे दिल का,
एक ये हसरत कि कोई देखने वाला तो होता।
न करना भरोसा इस दुनिया में किसी पर,
मुझे तबाह करने वाला मेरा बड़ा अजीज़ था।
फर्क चेहरे की हँसी पर सिर्फ इतना सा पाते है,
पहले आती थी अब लाते है।
Sad Shayari Hindi Mein
दिल मे आरज़ू के दिये जलते रहेगे,
आँखों से मोती निकलते रहेगे,
तुम शमा बन कर दिल में रोशनी करो,
हम मोम की तरह पिघलते रहेंगे.
सामने मंजिल तो रास्ते ना मोड़ना,
जो मन मे हो वो ख़्वाब ना तोड़ना,
हर कदम पर मिलेगी सफ़लता,
बस आसमान छूने के लिए जमीन ना छोड़ना.
Sad Shayri In Hindi
कभी बेपनाह बरसी कभी गुम सी है,
ये बारिश भी कुछ तुम सी है.
उसे प्यार था, मुझे
आज भी है।
अब हम नही चाहते की कोई
हमे चाहे।
“बहुत अंदर तक तबाह कर देते हैं ! वो अश्क़
जो आँखों से गिर नहीं पाते !!”
न हाथ थाम सके और न पकड़ सके दामन,
बहुत ही क़रीब से गुज़र कर बिछड़ गया कोई।जब उसे देखा ओ मेरे बगैर भी खुश हैं,
New Sad Shayri In Hindi
तब मुझे एहसास हुआ
मैं उसके लिए कुछ भी नही था
और एक बदनसीब हम हैं,
जो एक ही दुनिया में रहकर भी..
मिलने को तरसते हैं.
न जाने कौन सी शिकायतों का हम शिकार हो गए,
जितना दिल साफ़ रखा उतने ही गुनहगार हो गए।
धोखा देने के लिए शुक्रिया तेरा !
तुम न मिलती तो दुनिया की समझ न आती !!
बहुत लड़ा मै तुमसे,
पर तुम्हारी यादों से हार गया.!
टूट कर चाहा था तुम्हे और
तोड़ कर रख दिया तुमने मुझे.
तेरे होने तक मैं कुछ ना था….
तेरा हुआ तो मैं बर्बाद हो गया.
Best Sad Shayari In Hindi
वो जरूरी क्यों है
जिसे ज़रूरत नहीं !
आहटो में ढूंढते थे जिसे वो दफ्न मेरी
यादों में है अब
जब मिलती ही नहीं…
तो मोहब्बत होती क्यूँ है…!!!
अब न करेंगे,
तुमसे कोई सवाल,
काफी हक़ जताने लगे थे तुमपर,
माफ करना यार..
कमाल की मोहब्बत थी मुझसे उसको अचानक,
ही शुरू हुई और बिना बताये ही ख़त्म हो गई।
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया
साहिर लुधियानवी
Shayari in Sad Hindi
वो तेरे खत तेरी तस्वीर और सूखे फूल,
उदास करती हैं मुझ को निशानियाँ तेरी।
ऐसा नही है मेरे दिल में तेरी तस्वीर नही है,
पर शायद मेरे हाथो में ही तेरे नाम की लकीर नही है।
जुबां को रोको तो आँखों में झलक आता है,
ये जज्बा-ए-इश्क है जनाब इसे सब्र कहाँ आता है !
जिसको आज मुझमे हजारो गलतिया नजर आती हैं,
कभी उसी ने कहा था तुम जैसे भी हो मेरे हो।