चाँद पर शायरी हिंदी में
तुम सुबह का चाँद बन जाओ,
मैं सांझ का सूरज हो जाऊँ,
मिलें हम-तुम यूँ भी कभी,
तुम मैं हो जाओ, मैं तुम हो जाऊँ।
खूबसूरत गज़ल जैसा है तेरा चाँद सा चेहरा,
निगाहे शेर पढ़ती हैं तो लब इरशाद करते है…
बेचैन इस क़दर था कि सोया न रात भर पलकों से लिख रहा था तेरा नाम चाँद पर
ऐ काश हमारी क़िस्मत में ऐसी भी कोई शाम आ जाए,
एक चाँद फ़लक पर निकला हो एक छत पर आ जाए।
आज टूटेगा गुरूर चाँद का तुम देखना यारो,
आज मैंने उन्हें छत पर बुला रखा है।
वो चाँद कह के गया था कि आज निकलेगा,
तो इंतिज़ार में बैठा हुआ हूँ शाम से ही मैं।
तुझको देखा तो फिर उसको ना देखा मैंने,
चाँद कहता रह गया मैं चाँद हूँ मैं चाँद हूँ।
तू अपनी निगाहों से न dekh खुद को
चमकता हीरा भी तुझे patthar लगेगा
सब कहते होंगे चाँद का tukda है तू
मेरी नजर से chand तेरा टुकड़ा लगेगा !
चाँद के दीदार में तुम
छत पर क्या चली आई
शहर में ईद की
तारीख मुक्कमल हो गयी !
चाँद में नज़र कैसे आए तेरी सूरत मुझको
आँधियों से आसमाँ का रंग मैला हो गया !
न चाहकर भी मेरे lab पर
ये fariyad आ जाती है
ऐ chand सामने न आ
किसी की yaad आ जाती है !
चाँद के लिए कई तारे हैं
लेकिन सितारों के लिए चाँद एक है,
आपके लिए हजारों होंगे,
लेकिन आप हमारे लिए एक हैं।