Amir Khusro Shayari
Amir Khusro Shayari In Hindi
अपनी छवि बनाई के मैं तो पी के पास गई,
जब छवि देखी पीहू की सो अपनी भूल गई।
सेज सूनी देख के रोऊं दिन-रैन।
पिया पिया कहती मैं पल भर सुख न चैन।।
Amir Khusro Ki Shayari
खुसरो पाती प्रेम की बिरला बाँचे कोय।
वेद, कुरान, पोथी पढ़े, प्रेम बिना का होय।।
खुसरो सरीर सराय है क्यों सोवे सुख चैन।
कूच नगारा सांस का, बाजत है दिन रैन।।
Love Amir Khusro Poetry In Hindi
खुसरो दरिया प्रेम का, उल्टी वाकी धार,
जो उतरा सो डूब गया, जो डूबा सो पार।
गोरी सोवे सेज पर, मुख पर डारे केस,
चल खुसरो घर आपने, सांझ भयी चहु देस।
आ साजन मोरे नयनन में, सो पलक ढाप तोहे दूँ,
न मैं देखूँ और न को, न तोहे देखन दूँ।
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