अपने गुरूर को आजमाने की जिद थी.
वरना हमें मालूम था की.
तुम बेवफा हो जाओगे.
मोहब्बत का नतीजा दुनिया में हमने बुरा देखा
जिन्हे दावा था वफा का उन्हें भी हमने बेवफा देखा
हमसे न करिये बातें यूँ बेरुखी से सनम,
होने लगे हो कुछ-कुछ बेवफा से तुम।
तूने ही लगा दिया इलज़ाम-ए-बेवफाई,
अदालत भी तेरी थी गवाह भी तू ही थी।
सीख कर गया है वो मोहब्बत मुझसे,
जिस से भी करेगा बेमिसाल करेगा।
इस दुनिया में मोहब्बत काश न होती,
तो सफर ऐ-ज़िन्दगी में मिठास न होती,
अगर मिलती बेवफा को सजाए मौत,
तो दीवानों की कब्रे यूँ उदास न होती।
वो मिली भी तो क्या मिली बन के बेवफा मिली,
इतने तो मेरे गुनाह ना थे जितनी मुझे सजा मिली।
मेरी निगाहों में बहने वाला ये आवारा से अश्क
पूछ रहे है पलकों से तेरी बेवफाई की वजह।
नज़ारे तो बदलेंगे ही ये तो कुदरत है,
अफ़सोस तो हमें तेरे बदलने का हुआ है।